क्या इशारों से सुना दिया गया है धोनी को उनकी विदाई का फरमान?

‘महेंद्र सिंह धोनी बीसीसीआई की कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर कर दिए गए हैं।’ यह कभी भी कोई खबर नहीं थी तो क्या यह उनके लिए एक इशारा है ? समझदारों की इस पर राय बंटी हुई है। जाहिर है जब तक साफ -साफ शब्दों में कुछ कहा नहीं जाता, तब तक कयासों और कल्पनाओं का बाज़ार गर्म रहेगा। क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर हो जाने के वह मतलब तो हो ही सकता, जिसकी आशंका है, लेकिन इसका मतलब धोनी को संदेश देना भी हो सकता है कि फेयरवैल की करो तैयारी। वैसे ज्यादातर लोग यही मान रहे हैं। जो लोग छूटते ही कहते हैं कि धोनी में अभी बहुत क्रिकेट बाकी है, वे लोग भी अंत में दबी जुबान इस बात को स्वीकार करते हैं।धोनी के स्कूल के दिनों के कोच केशव रंजन बनर्जी भी अपने एक इंटरव्यू में जवाबों की शुरुआत तो बहुत जोरदार अंदाज में करते हैं, ‘धोनी वापसी करेंगे ‘ही विल कम बैक’ और वह बैकडोर से नहीं आएंगे। धोनी का प्रदर्शन आईपीएल में शानदार रहेगा, उसी परफार्मेंस के आधार पर वह भारतीय टीम में वापसी करेंगे।’ वापसी तो करेंगे लेकिन फिर? केशव रंजन के मुताबिक धोनी को टी-20 वर्ल्ड कप खेलना है, इसके लिए ही वे प्रैक्टिस कर रहे हैं। रही बात पिछले छह महीने के दौरान कोई टूर्नामेंट नहीं खेलने की तो यह धोनी का अपना फैसला था।आगामी टी-20 विश्व कप के बाद साफ होगा कि धोनी का कॅरियर और कितना लंबा है। यहां तक आकर वह मान लेते हैं कि इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी अपना बल्ला और दस्ताना खूंटी पर टांग देंगे। उनके एक और कोच चंचल भट्टाचार्या भी कहते हैं, ‘वो अपने फैसले अपने विवेक के आधार पर लेते हैं। इसलिए धोनी के बारे में कोई भी दावे से कुछ नहीं कह सकता। याद रखिए कि वो इकलौते ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने चार वर्ल्ड कप खेले हैं। कॉन्ट्रैक्ट न बढ़ने का मतलब यह नहीं है कि महेंद्र सिंह धोनी अब भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं। बीसीसीआई अपने नियमों के आधार पर इसके ग्रुप तय करता है। धोनी ने कुछ महीने से कोई मैच नहीं खेला है। संभव है कि इस कारण उनका कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू न हुआ हो। इसको उनके कॅरियर और रिटायरमेंट की अफवाहों से जोड़ना जल्दबाजी होगी। जो होगा उनसे पूछकर और टी-20 विश्व कप के बाद ही होगा।’ कहने का मतलब यह है कि भट्टाचार्य भी मानते हैं कि धोनी अब बस हद से हद टी-20 विश्व कप तक ही टीम का हिस्सा हो सकते हैं। इस तरह देखें तो अधिक से अधिक आशावादी भी धोनी का भविष्य अधिकतम विश्वकप तक ही देखता है, बल्कि कुछ तो इस आशावाद पर बड़े लोजिकल सवाल उठाते हैं कि अगर धोनी को टीम इंडिया में वापस आना होता तो अब तक वह टीम इंडिया में होते; क्योंकि टीम को टी-20 विश्व कप से पहले अब तो 10 मैच से भी कम खेलने हैं। इसलिए अगर धोनी को खिलाना होता तो उन्हें कम से कम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तो लिया ही जाता क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के साथ एक दिवसीय सीरीज शुरू होने के पहले ऐसे कयास कई कोनों से आ रहे थे। लेकिन उनका चयन नहीं हुआ और ऊपर से यह कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर होना। इसी वजह से अब खुली जुबान से रिटायर क्रिकेटर कह रहे हैं कि धोनी अपने हिस्से का खेल चुके लेकिन ऐसा मानने वाले भी अभी बड़ी तादाद में हैं कि धोनी को अभी मौका मिलेगा। लेकिन इसके लिए उन्हें घरेलू क्रिकेट में खुद को साबित करना होगा। एक सीनियर क्रिकेटर के मुताबिक धोनी को अगर टीम इंडिया में आना है तो पहले इंडिया ए या फिर रणजी मुकाबले खेलने होंगे। लेकिन धोनी शायद ऐसा नहीं करेंगे। धोनी जैसा सीनियर खिलाड़ी अगर घरेलू क्रिकेट में आकर अपनी फार्म को साबित करेगा तो इससे बुरा उनके लिए कुछ नहीं होगा। इसीलिये हरभजन सिंह मानते हैं कि धोनी दोबारा भारत के लिए नहीं खेलेंगे। भले ही आईपीएल 2020 में धोनी का प्रदर्शन बहुत अच्छा ही क्यों न हो। हरभजन के मुताबिक वह पहले ही यह तय कर चुके थे कि 2019 वर्ल्ड कप तक ही खेलेंगे। लेकिन रवि शास्त्री, हरभजन सिंह के आणलं से इत्तेफाक नहीं रखते।...तो क्या जिस दिन उन्हें कॉन्ट्रेक्ट लिस्ट से बाहर किया गया था और वह जाकर झारखंड रणजी टीम के साथ अभ्यास करने लगे, उसका मतलब आईपीएल के लिए तैयारी ही है? महेंद्र सिंह धोनी साधारण खिलाड़ी नहीं हैं। उन्होंने तीनों फार्मेट में मिलाकर 16 शतक जमाए हैं। धोनी ने अब तक के अपने सफर में 90 टैस्ट मैच खेले हैं।उन्होंने साढ़े तीन सौ एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले हैं। इसके अलावा 98 अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच भी खेले हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में तीनों फार्मेटों में कुल मिलाकर धोनी ने 17,266 रन बनाए हैं। टैस्ट मैचों में उन्होंने 6 और वनडे में 10 शतक लगाए हैं  ये महेंद्र सिंह धोनी ही हैं जिन्होंने भारत को टी-20, वनडे क्रिकेट विश्व कप का वर्ल्ड चैंपियन बनाया था। वास्तव में गांगुली ने जिस भारतीय टीम को विदेशों में जीतना सिखाया था, उस टीम को धोनी ने जीतने के साथ ही जीत का विश्वास करना भी सिखाया था। इसलिए धोनी डिजर्व करते हैं कि उन्हें अपनी चाहत के हिसाब से रिटायरमैंट चुनने का मौका दिया जाना चाहिए।

-फ्यूचर मीडिया नेटवर्क