पंजाब में सस्ती हुई बिजली

चंडीगढ़, 1 जून (अ.स.): पंजाब स्टेट इलैक्ट्रीसिटी रैगुलेटरी कमिशन (पी.एस.ई.आर.सी.) द्वारा कोविड व लाकडाऊन के कारण राजस्व घटने के बावजूद घरेलू बिजली दरें घटाने का फैसला लिया गया है। सरकार के अनुसार घरेलू दरों को तर्कसंगत करने का काम राज्य में कई वर्षों बाद पहली बार हुआ है। इस फैसले के अनुसार 50 किलोवाट के लोड तक की मौजूदा कटौती (0 से 100 यूनिट तक के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट व 101 से 300 यूनिट तक 25 पैसे प्रति यूनिट) राज्य के 69 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को 354.82 करोड़ रुपए की राहत देगी। कमिशन ने छोटे दुकानदारों (7 किलोवाट तक के लोड वाले एन.आर.एस. उपभोक्ताओं) के लिए बिजली दरों को नहीं बढ़ाया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पंजाब स्टेट इलैक्ट्रीसिटी रैगुलेटरी कमिशन (पी.एस.ई.आर.सी.) द्वारा कोविड व लाकडाऊन के कारण राजस्व घटने के बावजूद घरेलू बिजली दरें घटाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि लोगों के हितों को आगे रखते दरों को आगे से और भी तर्कसंगत किया जाएगा। कमिशन द्वारा रात के 10 बजे् से सुबह के 6 बजे दरमियान बिजली का प्रयोग करने वाले बड़े व दरमियान औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 50 फीसदी तय चार्जों सहित रात की विशेष दरें व 4.83/के.वी.ए.एच. रुपए ऊर्जा चार्ज को चालू रखने व इसको छोटे पैमाने पर बिजली की खप्त करने वाले औद्योगिक उपभोक्ताओं तक बढ़ाने का फैसला भी लिया गया है। उन्होंने कहा कि अकेले अप्रैल महीने ही व्यापार व उद्योगों के बंद होने करके पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन को 30 करोड़ रुपए प्रति दिन घाटा झेलना पड़ा। मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा लाकडाऊन करके सरकारी खजाने को राजस्व के पड़े घाटे के बावजूद किसानों के लिए मुफ्त बिजली व उद्योगों के लिए रियायती दरों पर बिजली मुहैया करवाने बारे अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एस.सी./बी.सी. व गरीबी रेखा से नीचे परिवारों के लिए 200 यूनिट मुफ्त यूनिटों प्रति महीना की रियायत चालू रखेगी।