तीन महिलाएं जो खबरों में बनी रहीं

सर्वप्रथम हम सोनिया गांधी कार्यकारी अध्यक्ष कांग्रेस के शीघ्र स्वास्थ लाभ एवं दीर्घ आयु की मंगल कामना करते हैं। 23 वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने संगठनात्मक चुनाव के लिए सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था। यह भी हकीकत है कि यह सबसे पुरानी पार्टी धीरे-धीरे पतन की ओर जा रही है। नेतृत्व की कमज़ोरी अनुभव हो रही है। इस पर कुछ वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने हिम्मत दिखाई और संगठनात्मक ढांचे को सक्रिय करने के लिए सोनिया गांधी की पत्र लिखा और संगठन को सक्रिय करने हेतु सुझाव दिये। इसके बाद बुलाई गई बैठक में इस पत्र की आलोचना हुई और सोनिया गांधी ने फेरबदल कर उन नेताओं को हाशिये पर डाल दिया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ, कांगे्रस में प्राय: ऐसा होता ही रहा क्योंकि सोनिया गांधी यह जानती हैं कि कांग्रेस यदि राजनीति में अपनी पैठ बनाए खड़ी है तो केवल नेहरू-गांधी के नाम पर। इसलिए बहुत से कांग्रेसी न चाहते हुए भी सोनिया के फैसले पर किन्तु-परन्तु न कर सके और सोनिया जानती हैं- शब्दों से ज़्यादा मुखर है खामोशी। सोनिया का यही निर्णय समाचार पत्रों की सुर्खियों में शामिल हो गया। कंगना रणौत जब हिमाचल से 16 वर्ष की आयु में किसी इरादे से माया नगरी मुम्बई पहुंचती है तो उसकी जागती आंखों ने कई सपने देखे होते हैं। थोड़े ही समय में कंगना रणौत ने सिने उद्योग में अपने लिए अलग पहचान बना ली। तीन-तीन फिल्मों में राष्ट्रीय पुरुस्कार प्राप्त करने वाली इस अभिनेत्री का मात्र इतना ही दोष था कि उसने अभिनेता  सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु पर कुछ प्रश्न खड़े किये और नशीली वस्तु के सेवन पर सिने उद्योग के कुछ कलाकारों के नाम ले दिये, बस यहीं से सिने उद्योग में एक अफरा-तफरी  का माहौल नज़र आने लगा। रवि कृष्ण भोजपुरी फिल्मों का सुपर स्टार और सांसद ने लोकसभा में बॉलीवुड में नशीली वस्तुओं के सेवन पर अपने विचार व्यक्त किए जिसकी प्रतिक्रिया में राज्यसभा में जया बच्चन ने नाम लिए बगैर कठोर शब्दों में कहा कि ये लोग जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद कर रहे हैं। हम समझते हैं कि वे लोग जो आज तक यही पढ़ते रहे, ‘अबला जीवन हाय तेरी यही कहानी’ उन्हें कंगना रणौत का बालीवुड पर उंगली उठाना अच्छा नहीं लगा। मनाली में बैठी कंगना ने कह दिया कि जया जी अपने बच्चों के बारे में सोचें यदि वे भी इस नशे के गढ्डे में गिर जाते तो वह क्या कहतीं? कंगना महाराष्ट्र सरकार द्वारा कुछ पग उठाए जाने से परेशान नहीं हुई। बीएमसी ने आनन-फानन उनका दफ्तर तोड़ दिया। एक नेता संजय राऊत भी कंगान के खिलाफ बोला लेकिन वह अबला के बजाय खूब लड़ी मर्दानी बन कर समाचारों में आ गई। मर्दों का एकाधिकार समझे जाने वाले बालीवुड में चंद एक महिलाएं अपनी हस्ती कायम रखे हुए हैं। हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल की बेटी के साथ वह भी खड़े हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने वाई सुरक्षा देकर कंगना रणौत की अहमियत पर मोहर लगा दी है। रिया चक्रवर्ती ने मात्र एक-डेढ़ साल में कैसे सुशांत सिंह राजपूत के साथ संबंध स्थापित कर लिये और जब उसकी मृत्यु हुई तो मृत्यु गृह में उसकी छाती पर हाथ रख कर कहा, ‘सॉरी बाबू’। इतना कह देने से क्या उसके दामन पर जो संदेह के छीटें पड़े, वे धुल गए। आजकल सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ज़द में रिया और उसके रिश्ते नाते वाले लोग प्रश्नों के घेरे में हैं। खेद की बात यह है कि वह आजकल खबरों में आने लगी हैं। हमारे देश की लोकसभा में आज 78 महिलाएं हैं और महिलाओं के प्रति सरकार और समाज कई योजनाएं भी बना रहा है। यह सिद्ध करता है कि हमारे देश में महिलाओं का भरपूर सम्मान किया जाता है। भारत का भविष्य संवारने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है और रहेगी। क्या रिया चक्रवर्ती ने कभी ऐसा सोचा? इससे पूर्व जो महिला सुशांत सिंह राजपूत के साथ कई वर्ष रही वह भी रिया की सोच के खिलाफ है। जब रिया यह कहती है कि फिल्म केदारनाथ के निर्माण से पूर्व ही सुशांत नशे का सेवन करने लगा था और सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान  पर भी रिया ने उंगुली उठाई। आज तक बालीवुड के पच्चीस-तीस के करीब कलाकार नशीली वस्तुओं के सेवन का आरोप झेल रहे हैं। तभी रवि कृष्ण जब लोकसभा में यह कहता है कि कुछ लोगों ने बालीवुड की पावन गंगा को दूषित करने का प्रयास किया है, यह ठीक नहीं है। जया बच्चन को बालीवुड के पक्ष में बयान देते हुए रिया चक्रवर्ती जैसी अभिनेत्रियों पर भी दृष्टि रखनी चाहिए थी। तीन महिलाएं सोनिया गांधी, कंगना रणौत तथा रिया चक्रवर्ती नि:संदेह खबरों हैं लेकिन कारण सबके अलग-अलग हैं। इस पर क्या कहें।