पंजाब में ही उड़ाई जा रही हैं मातृभाषा की धज्जियां
पठानकोट, 12 जनवरी (अ.स.): पंजाब सरकार ने प्रदेश में मातृभाषा पंजाबी को प्रफुल्लित करने के लिए आदेश जारी किए हैं कि सरकारी विभागों में सारा कामकाज पंजाबी भाषा में किया जाए। इसके अलावा सभी विद्यार्थियों को 10वीं तक पंजाबी भाषा पढ़ना व पंजाबी विषय पास करना अनिवार्य किया है परंतु न तो सरकारी कार्यालयों में सारा काम पंजाबी में हो रहा है और न ही कालेजों व निजी इंस्टीच्यूटों में पंजाबी पढ़े अध्यापक ही मिलते हैं। कई निजी कालेजों व इंस्टीच्यूटों ने अपने थोड़े से पैसे बचाने के लिए प्रदेश के बाहर से विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अध्यापक रखे हैं जिन्हें पंजाबी लिखनी तो क्या पढ़नी तक नहीं आती और न ही इनके पास किसी प्रकार का पढ़ाने का तजुर्बा है। जबकि पंजाब टैक्नीकल यूनिवर्सिटी व गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी द्वारा कड़े निर्देश हैं कि पंजाबी का ज्ञान न होने वाले व पार्ट टाइम पर हासिल की डिग्री वालों को अध्यापक नहीं लगाया जा सकता।