धूरी दुष्कर्म मामला- स्कूल के अध्यक्ष व तीन अन्य को मिली ज़मानत

संगरूर, 11 जून (धीरज पशौरिया): धूरी के एक निजी स्कूल में 25 मई को 5 वर्षीय मासूम बच्ची से हुए दुष्कर्म के मामले से गत 26 मई को कथित आरोपी बस कंडक्टर कमल कुमार की गिरफ्तारी के बाद स्कूल अध्यक्ष तरसेम चंद, कोक्षाध्यक्ष जीवन कुमार और इंचार्ज बबीता रानी जिनको पोसको एक्ट की धारा 21 (2) और जुवीनाईल जस्टिस एक्ट गिरफ्तार किया गया था आज अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डा. रजनीश की अदालत ने बचाव पक्ष द्वारा की जमानत की अपील को मंजूर करते जमानत दे दी है। बचाव पक्ष के वकील अश्वनी चौधरी और राज कुमार गोयल ने बताया कि घटना संबंधी जब 26 मई को दुष्कर्म की बात सामने आई तो स्कूल प्रंबधकों ने तुंरत इसकी सूचना पुलिस को दी। स्कूल प्रबंधकों ने कुछ भी छुपा कर नहीं रखा। यही दलील उन्हाेंने अदालत में रखी जिसको सुनने उपरांत अदालत ने तीनाें को ज़मानत दे दी है। यह तीनों संगरूर जेल में बंद हैं जबकि मुख्य आरोपी नाभा जेल में बंद है। क्या है यह मामला: पुलिस थाना सिटी ध्ूरी में 26 मई 2019 को दर्ज मामले के अनुसार धूरी के एक निजी स्कूल में पढ़ती करीब 5 वर्ष की मासूब बच्ची के साथ स्कूल के ही बस के कंडक्टर कमल कुमार द्वारा किए दुष्कर्म की हुई शिकायत से पिछे पुलिस ने दुष्कर्म और पोसको एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज करके उसको गिरफ्तार कर लिया था। 
लोगों द्वारा किए संघर्ष के बाद पुलिस ने दर्ज मामले में पोस्को एक्ट की धारा 21 (2) और जुवीनाईल जस्टिस एक्ट 2015 की  धारा 75 को बढ़ौतरी करते स्कूल अध्यक्ष तरसेम चंद, कोक्षाध्यक्ष जीवन कुमार और इंचार्ज बबीता रानी को भी गिरफ्तार कर लिया था। स्कूल के तीनों प्रबंधकों को आज ज़मानत दे दी गई है जबकि कथित मुख्य आरोपी नाभा जेल में बंद है। मामले की सुनवाई 1 जुलाई से ज़िला और सत्र न्यायाधीश बी.एस.संधू की अदालत में होगी। 
आरोपियों के लिए सख्त सज़ा की मांग कर चुके हैं संगठन: संगरूर के कई जनतक और जमहूरी संगठन अदालती कम्पलैक्स में शांतीपूर्वक मार्च करके मांग कर चुके हैं कि दुष्कर्म के आरोपियों को सख्त सज़ा दी जाए और बाकी जिम्मेवारों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए।