अवैध माइनिंग के कारण एलगरां पुल के अस्तित्व को खतरा

सुखसाल, 20 नवम्बर (अ.स.): क्षेत्र में अंधाधुंध हो रही गैरकानूनी माइनिंग के कारण हाहाकार मची हुई है, क्योंकि समय के शासकों व प्रशासन के संरक्षण में धरती का सीना चीर कर की जा रही अंधाधुंध गैरकानूनी माइनिंग माफिया ने जहां क्षेत्र का प्राकृतिक रूप बिगाड़ दिया है वहीं इससे सरकारी खजाने को भी रोज़ाना लाखों का चूना लग रहा है। और तो और कई अन्य राज्यों को जोड़ने वाले एलगरां के पास सवां नदी पर बने बड़े पुल की जड़ों के पास यह माफिया अंधेरे में बड़ी मशीनें लगाकर 40 से 50 फुट नीचे माइनिंग करके पुल को भी नुक्सान पहुंचा रहा है। कई बार समाज सेवी लोगों द्वारा प्रशासन तक पहुंच करने पर भी यह माफिया न रुका। अब वह दिन दूर नहीं जब यह करोड़ों की लागत से तैयार पुल भी गैरकानूनी माइनिंग की भेंट चढ़ जाएगा क्योंकि इसके अधिकतर पिल्लर काफी नंगे हो चुके हैं जिनकी मजबूती पर भारी खतरा मंडरा रहा है। गौरकानूनी माइनिंग के कारण धरती के निचले पानी का स्तर भी काफी नीचे चला गया है जिस कारण किसानों को महंगे बोर करवा कर अपनी फसलें सींचनी पड़ रही हैं। समाजसेवी जत्थेबंदियों ने पुरजोर मांग की है कि जहां भी गैरकानूनी माइनिंग के खड्डे में व्यर्थ मौत होती है उस जगह की निशानदेही करके संबंधित मालिकों विरुद्ध धारा 302 का मुकद्दमा दर्ज होना चाहिए व पीड़ित परिवारों को सरकारी नौकरी या अन्य उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस गैरकानूनी माइनिंग जल्द से जल्द बंद करवा कर स्थानीय लोगों को सहम के माहौल से निकाला जाए। जब इस संबंधी डी.सी. रूपनगर सुमित जरांगल के साथ फोन पर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि पुल के नज़दीक निर्धारित दूरी से पहले माइनिंग करने की किसी को भी इंजाजत नहीं है फिर भी वह जल्द इस जगह का दौरा करेंगे जो भी आरोपी पाया गया उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।