जौड़ा फाटक पर इस बार नहीं मनाया जाएगा दशहरा

अमृतसर, 7 अक्तूबर (अ.स.): विगत यहां जोड़ा फाटक के पास दशहरे पर रावण के पुतले को आग लगाए जाने के अवसर पर दशहरे का आनंद उठा रहे बेकसूर लोगों पर तेज रफ्तार गाड़ी चढ़ गई थी, जिस कारण बड़ी संख्या में लोग मारे गए और कई घायल हो गए थे, के पीड़ितों के जख्म अभी भी हरे हैं जिनको एक वर्ष पश्चात भी न्याय नहीं मिला। दूसरी ओर मौके की आयोजित दशहरा कमेटी द्वारा इस बार इस स्थान पर दशहरा नहीं मनाया जा रहा और न ही विगत समय के प्रबन्धक किसी अन्य स्थान पर ही दशहरा मना रहे हैं। विगत 19 अक्तूबर को जोड़ा फाटक के पास जिस मैदान में दशहरा मनाया जा रहा था वहां डा. नवजोत कौर सिद्धू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं जबकि लोग एकाएक रेलवे लाइनों के बीच बैठे इस दशहरे के समारोह को देख रहे थे और किसी  को भी स्मरण नहीं था कि एक डी.एम.यू. रेलगाड़ी जोकि सबसे कम रफ्तार पर चलती है इतनी तेज रफ्तार से आएगी और शवों के ढेर लगाकर चली जाएगी। इस दुर्घटना की पहली त्रासदी यह है कि इसके मृतकों की संख्या का ही सही पता नहीं चल सका। इसका एक कारण मृतकों में ज्यादातर प्रवासी श्रमिक थे और प्रत्यक्षदर्शियों अनुसार एक-एक शव के इतने टुकड़े हो गए थे कि सही गिनती लगाना ही मुमकिन नहीं और यह गणना डेढ़ से दो गुणा भी हो सकती है जबकि सरकार ने केवल 59 मौतें होने का ही आंकड़ा बताया था।