‘चंदा मामा’ के और करीब पहुँचा चंद्रयान-2

बेंगलुरु, 21 अगस्त (वार्ता) : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रमा की कक्षा में कल पहुँचे चंद्रयान-2 की कक्षा में सफलतापूर्वक बदलाव किया जिससे यह चंद्रमा के और करीब पहुँच गया है। इसरो ने बताया कि आज किए गए बदलाव के बाद अब चंद्रयान 118 किलोमीटर गुणा 4,412 किलोमीटर की कक्षा में चंद्रमा का चक्कर लगा रहा है। नई कक्षा में स्थानांतरित करने के लिए चंद्रयान पर लगी प्रणोदन प्रणाली का इस्तेमाल किया गया। यह प्रक्रिया दोपहर बाद 12.50 बजे शुरू की गई है और 20 मिनट 28 सेकेंड में लक्ष्य हासिल कर लिया गया। इसरो द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि चंद्रयान के सभी उपकरण और प्रणाली सही ढँग से काम कर रहे हैं। कक्षा में अगला बदलाव 28 अगस्त की सुबह 5.30 बजे से 6.30 बजे के बीच किया जाएगा। इसके बाद चंद्रमा पर उतरने से पहले 30 अगस्त और 1 सितम्बर को भी इसकी कक्षा में बदलाव किये जायेंगे।  आखिरी बदलाव के बाद चंद्रयान 114 किलोमीटर गुणा 128 किलोमीटर की वक्र चंद्र कक्षा में पहुँच जाएगा। चंद्रयान के तीन हिस्से हैं -ऑर्बिटर, विक्रम नाम का लैंडर और प्रज्ञान नाम का रोवर। विक्रम और उसके साथ जुड़ा रोवर 2 सितम्बर को ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और 3 सितम्बर को इनकी गति कम की जायेगी। मिशन का सबसे महत्वपूर्ण दिन 7 सितम्बर को होगा, जब लैंडर चंद्रमा की कक्षा से उसकी सतह की ओर उतरना शुरू करेगा और अंतत: चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के क्षेत्र में उतरेगा। इसरो ने 7 सितम्बर को तड़के 1.55 बजे लैंडर को चाँद की सतह पर उतारने का लक्ष्य तय किया है। चंद्रमा पर उतरने के बाद रोवर भी विक्रम से अलग हो जायेगा और 500 मीटर के दायरे में घूम कर तस्वीरें अन्य जानकारी एकत्र करेगा।