दिल्ली में हार के बाद कांग्रेस में छिड़ी ज़ुबानी जंग

नई दिल्ली, 12 फरवरी ( उपमा डागा पारथ/एजेंसी) : दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने के बाद पार्टी नेताओं के बीच जुबानी जंग भी छिड़ गई जिस पर कांग्रेस ने बुधवार इन नेताओं को अनुशासन में रहने की नसीहत देते हुए कहा कि ये लोग पहले अपनी भूमिका और जवाबदेही के बारे में विचार करें। दरअसल, पार्टी के दिल्ली प्रभारी पद से इस्तीफा देने वाले पीसी चाको पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बारे में अपने एक बयान को लेकर कुछ नेताओं के निशाने पर आ गए तो कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने उन नेताओं को आड़े हाथ लिया जो कांग्रेस के सफाए के बावजूद चुनाव परिणाम को भाजपा के खिलाफ जनादेश के तौर पर पेश करके खुशी का इजहार कर रहे हैं। इन नेताओं की बयानबाजी पर पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि हम कांग्रेस की तरफ से कहना चाहते हैं कि कांग्रेस के कुछ नेता जिस तरह से अनुशासन की मर्यादा लांघकर एक दूसरे आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं वो अवांछित और अस्वीकार्य है। यह बेहतर होता कि नेता अपनी भूमिका, अपनी ज़िम्मेदारी, पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और चुनाव प्रचार के समय अपनी निष्ठा की तरफ देखते। अगर वो ऐसा करते हैं तो पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बारे में की गई टिप्पणी के बारे में सुरजेवाला ने कहा कि चाको ने खुद कहा कि उन्होंने दिवंगत शीला दीक्षित के बारे में कुछ नहीं कहा है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस में उस वक्त एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब चाको ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का पतन 2013 में शुरू हुआ जब शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं। बाद में चाको ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी तरह से शीला दीक्षित को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया है, बल्कि सिर्फ यह तथ्य रख रहे थे कि पार्टी का प्रदर्शन कैसे धीरे-धीरे खराब होता चला गया और कांग्रेस का वोट आप की तरफ चला गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवरा ने चाको की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा और कहा कि चुनावी हार के लिए दिवंगत शीला दीक्षित को ज़िम्मेदार ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण है। शीला दीक्षित के करीबी रहे कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी चाको पर निशाना साधते हुए कहा कि 2013 में जब हम हारे तो कांग्रेस को दिल्ली में 24.55 फीसदी वोट मिले थे। दूसरी तरफ, दिल्ली महिला कांग्रेस की प्रमुख शर्मिष्ठा मुखर्जी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की जीत को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदम्बरम द्वारा विपक्ष का हौसला बढ़ाने वाला परिणाम करार दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने भाजपा को पराजित करने का काम क्षेत्रीय दलों को आउटसोर्स कर दिया है तो प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (पीसीसी) को अपनी दुकान बंद कर देना चाहिए।