घातक हैं मिठाइयों पर लगे  चाँदी के वर्क

चांदी के वर्क का उपयोग कभी आयुर्वेद और यूनानी दवाओं व नवाबों के विशेष हकीम उनके लिए भस्में बनाने में प्रयोग करते थे। लेकिन आजकल सोना-चांदी युक्त च्यवनप्राश व मिठाइयों पर लगे वर्क आम लोगों की सेहत से खिलवाड़ ही कर रहे हैं या यूं कहिये कि सरे आम वर्क के नाम पर जहर ही बांटा जा रहा है। 
प्राचीन काल में शुद्ध वर्क बनाने वाले पुश्तैनी कारीगरों के दिन तो अब पूरी तरह से लद चुके हैं। वर्क बनाने का कारोबार मशीनों से होने लगा है जिससे शुद्ध सोने-चांदी में आसानी से मिलावट की जा रही है। आज जिस वर्क का प्रचलन मिठाइयों या अन्य पदार्थो में किया जा रहा है वह पूरी तरह से सेहत का साथी नहीं है। 
लेकिन आज मिलावट के युग में वर्क की विश्वसनीयता पर भी आँच आ गई है और ये पूरी तरह से नकली वर्क के रूप में घड़ल्ले से प्रयोग में लाए जा रहे हैं। चांदी के वर्क का सर्वाधिक प्रचलन होने से इसमें सबसे ज्यादा विषैले तत्व पाए गये हैं। कैडियम, मैग्नीज, एल्यूमीनियम, निकल, लैड आदि शरीर के लिए घातक माने गये है। इनसे कई खतरनाक बीमारियां होने का खतरा बढ़ गया है। कैडियम का सीधा असर किडनी पर पड़ता है जिससे गुर्दे क्षतिगस्त हो जाते है। एल्यूमीनियम नामक धातु के मिश्रण से न्यूरोलॉजिकल बीमारियां होने की आश्ंका तो बढ़ती ही है साथ ही साथ एल्जाइमर्स रोग भी पनप सकता है। लैड तो बच्चों के लिए सर्वाधिक घातक सिद्ध होता है इससे बच्चों का मानसिक विकास अवरूद्ध होने की आंशंका बनी रहती है। चांदी के वर्क में लैड की मात्रा ज्यादा पाई जाती है जो कैसंर जैसी घातक बीमारी फैलाती है। लैड से स्मरण शक्ति भी प्रभावित होती है। जिससे पागलपन का भी खतरा हो सकता है। 
हाँलाकि बाजारों में बिकने वाली मिठाइयों की जांच भले ही खाद्य-विभाग द्वारा होती है लेकिन उन पर लगे चांदी के वर्क की चमक-दमक व विषाक्ता से वे भी अनभिज्ञ ही रहते है बच्चे सर्वाधिक रंगीन व वर्क लगी मिठाइयों के प्रति आकर्षित होते हैं, लेकिन उनहें नही मालूम है कि मिठाइयों में प्रयोग किये जाने वाले, लाल, पीले , हरे रंग भी कितन घातक है।  शुद्ध चांदी से बने वर्क में एंटी माइक्रोब एजेन्ट रहते हैं जो हमें कई बीमारियों से बचाते भी है। हमारे देश में चांदी के वर्क का सेवन सर्वाधिक मिठाइयों, विभिन्न पकवान व माऊथ फ्रेशनर के रूप में मीठी  सौंफ, इलायची, व मुरब्बों के अलावा विशेष अवसरों पर पान चांदी के वर्क में लपेट कर खाया जाता है। शुद्ध व असली वर्क वही है जो हाथ में रगड़ने से गायब हो जाये।  (सुमन सागर)